Monday, February 9, 2015

चाणक्य नीति - अध्याय 3 (Chanakya Neeti in Hindi)

  • इस संसार में ऐसा कौन सा परिवार है जिस पर कोई दाग न लगा हो? ऐसा कौन है जो रोग और संताप से मुक्त हो, हमेशा सुखी रहने वाला कौन है?

  • व्यक्ति के आचरण से उसके कुल को पहचाना जा सकता है, उसकी भाषा के उच्चारण से उसके देश को पहचाना जा सकता है, उसके सौहार्द तथा उसकी दीप्ति से उसकी मित्रता पहचानी जा सकती है और उसके शारीरिक गठन से उसकी भोजन क्षमता पहचानी जा सकती है।

  • पुत्री का विवाह अच्छे कुल में करना चाहिए, पुत्र को ज्ञानार्जन के प्रति आसक्त करना चाहिए, शत्रु को क्लेश में डालना चाहिए और मित्रों को धर्म के प्रति आसक्त करना चाहिए।

  • एक साँप एक दुर्जन से बेहतर होता है क्योंकि वह तभी आक्रमण करता है जब उसे प्राण जाने का भय हो किन्तु दुर्जन हर कदम पर वार करता है।
  • राजा स्वयं को अच्छे कुल के व्यक्तियों से इसलिए घिरा रखता है क्योंकि वे न आरम्भ में, न तो मध्य में और न ही अन्त में साथ छोड़कर जाते हैं।

  • प्रलय के समय समुद्र भी अपनी मर्यादा खो देता है किन्तु सज्जन व्यक्ति कभी भी विचलित नहीं होते।

  • मूर्खों के साथ कभी भी मित्रता नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे दो पैरों वाले पशु के समान होते हैं, जैसे कोई अनदेखा काँटा शरीर के अंग में घुसकर पीड़ा पहुँचाता है वैसे ही मूर्ख अपने कटु वचनों से हृदय को क्लेश पहुँचाता है।

  • अच्छे कुल में जन्म लेने वाला यौवन से सम्पन्न सुन्दर व्यक्ति भी विद्या से हीन होने पर पलाश के फूल के समान होता है जो कि सुन्दर होते हुए भी सुगन्ध हीन होता है।
  • कोयल की सुन्दरता उसकी कूक में होती है, स्त्री की सुन्दरता पति के प्रति विशुद्ध समर्पण में होती है, कुरूप व्यक्ति की सुन्दरता उसके ज्ञान में होती है और तपस्वी की सुन्दरता उसकी क्षमाशीलता में होती है।

  • परिवार की रक्षा के लिए परिवार के सदस्य का बलिदान कर देना चाहिए, गाँव की रक्षा के लिए परिवार का बलिदान कर देना चाहिए, देश की रक्षा के लिए गाँव का बलिदान कर देना चाहिए और आत्मा की रक्षा के लिए देश का बलिदान कर देना चाहिए।

  • कर्मशील व्यक्ति निर्धन नहीं हो सकता, जप करने वाला पापी नहीं हो सकता, मौनी व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से विवाद नहीं हो सकता और सचेत व्यक्ति भयभीत नहीं हो सकता।
  • सीता का हरण उसकी अति सुन्दरता के कारण हुआ, रावण अन्त उसके अति अहंकार के कारण हुआ, अति दानी होने के कारण राजा बलि को बंधन में बंधना पड़ा, अतः अति किसी भी वस्तु की अच्छी नहीं होती।

  • सामर्थ्यवान के लिए कौन सा कार्य कठिन है? श्रम करने वाले के लिए कौन सा स्थान दूर है। विद्वान के लिए विदेश कहाँ है? मृदुभाषी का अहित कौन कर सकता है?

  • जिस प्रकार से सुगन्धित फूलों वाला केवल एक वृक्ष पूरे वन को महका देता है उसी प्रकार से केवल एक गुणवान पुत्र पूरे कुल को प्रतिष्ठा दिलाता है।

  • जिस प्रकार से केवल एक सूखा वृक्ष जलकर पूरे वन को भस्म कर देता है उसी प्रकार से केवल एक कपूत पूरे कुल की मान-मर्यादा एवं प्रतिष्ठा को नष्ट कर देता है।

  • जिस प्रकार से चन्द्रमा के उदय होने से रात जगमगा उठती है उसी प्रकार से विद्वान एवं सदाचारी पुत्र से सम्पूर्ण परिवार खुशहाल हो जाता है।

  • दुःख एवं निराशा देने वाले अनेक पुत्र किस काम के हैं? इससे तो अच्छा है कि परिवार को आश्रय एवं शान्ति प्रदान करने वाला एक ही पुत्र हो।

  • पाँच वर्ष की आयु तक पुत्र का पालन लाड़-प्यार के साथ करना चाहिए, बाद के दस साल तक उसे छड़ी से डराना चाहिए किन्तु सोलह वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने पर पुत्र के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए।

  • भयावह आपदा के समय, विदेशी आक्रमण होने पर, भयानक अकाल पड़ने पर तथा दुष्ट व्यक्ति का साथ हो जाने पर जो व्यक्ति दूर भाग जाता है, वही व्यक्ति हमेशा सुरक्षित होता है।

  • जो व्यक्ति धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष अर्जित नहीं कर सकता उसे बार-बार जन्म लेना और मरना पड़ता है।

  • धन की देवी लक्ष्मी स्वयमेव तथा स्वेच्छा से वहाँ चली आती हैं जहाँ -
    मूखो का सम्मान नहीं होता।
    अनाज का सही प्रकार से भण्डारण होता है।
    पति-पत्नी का आपस मे विवाद नहीं।

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